Sunday, 29 September 2013

ज़िंदगी बहुत छोटी है

ज़िंदगी बहुत  छोटी  है या ईश्वर  ने ही किस्मत मे साथ सिर्फ़ इतना सा ही लिखा था, कुछ दिन रहना साथ फिर जुड़ा होना लिखा था, रब ने उन्हे चुन लिया अपने लिए

और हमे  उमर भर जीते जी    मौत के  इंतज़ार मे बिन उनके 
पल पल मारना था

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