उसे ज़रुरत नहीं मेरी चाहत की, उसकी आरजू नहीं
मेरी मोहब्बत की, उसकी ख्वाइश नहीं मुझे पाने की, उसकी हसरत नहीं संग मेरे
ज़िन्दगी बिताने की, तमन्ना नहीं उसकी मेरा हो जाने की,
अब
जीना नहीं मुझे उसके लिए जिसने कभी समझा ही नहीं अपने काबिल कभी मुझे, बोझ सी
लगने लगी है ये ज़िन्दगी अब मुझे, हर पल रहता है मौत का इंतज़ार उसके बिना
अब मुझे,
नहीं
रही अब कोई आरजू ज़िन्दगी की मेरी, नहीं रही कोई ख्वाइश जिंदगी की अब मेरी,
अरमानो से भरे इस दिल के टूटने के बाद अब हसरत ही नहीं रही जीने की अब मुझे,
तमन्ना ही नहीं रही किसी ख़ुशी की मुझे अब ,
ऐ
मेरी ज़िन्दगी दे दे मौत अब तो मुझे, नहीं जीना उसके बिना अब मुझे , ऐ मेरी जिंदगी सब
छोड़ चले जहाँ साथ मेरा मुझे अकेला छोड़ कर तू भी छोड़ दे साथ अब मेरा, अब तो मौत के आघोस में सोने दे मुझे, ऐ मेरी जिंदगी अब छोड़ दे मुझे,
थी मुझे जीने की चाहत जिसके साथ जब उसी ने छोड़ दिया है मेरा हाथ , ऐ मेरी जिंदगी तू भी दिखा दगा और मुझे अब अकेला छोड़ दे,
उसे ज़रुरत नहीं मेरी चाहत की, उसकी आरजू नहीं
मेरी मोहब्बत की, उसकी ख्वाइश नहीं मुझे पाने की, उसकी हसरत नहीं संग मेरे
ज़िन्दगी बिताने की, तमन्ना नहीं उसकी मेरा हो जाने की,
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