ईश्वर कहते है ईश्वर्िय ज्ञान एवं ईश्वरिया बाते केवल धार्मिक पुस्तको तक ही सीमित नही है, ये तो केवल उनकी समस्त बातो एवं ग्यान के सार के सार का ब एक अति लघु रूप है, ईश्वर कहते हैं यदि मानव इनका ही पालन करले तब भी मानव का कल्याण होगा क्यू की मानव क लिए इनका पालन करना ही मुश्किल है तो ईश्वर की विस्तृत बातो पर अमल करना तो असंभव है, ईश्वर कहते है मानव ने अपनी इच्छा अनुसार उनकी बातो एवं शिक्षाओ मे बदलाओ करके अपनी सुविधाओ के अनुसार नियम और परंपराए बनाई जिनमे फस कर खुद मानव मानव का शोषण कर रहा है, मानव समस्त प्रथवी एवम प्राणी जगत को नुकसान पहुचा रहा है, ईश्वर कहते है उनकी बाते कभी किसी को नुकसान पहुचने वाली नही हो सकती, उनकी दृष्टि मे सभी प्राणी एक समान है"
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Wednesday, 21 May 2014
ईश्वर वाणी-56
ईश्वर कहते है ईश्वर्िय ज्ञान एवं ईश्वरिया बाते केवल धार्मिक पुस्तको तक ही सीमित नही है, ये तो केवल उनकी समस्त बातो एवं ग्यान के सार के सार का ब एक अति लघु रूप है, ईश्वर कहते हैं यदि मानव इनका ही पालन करले तब भी मानव का कल्याण होगा क्यू की मानव क लिए इनका पालन करना ही मुश्किल है तो ईश्वर की विस्तृत बातो पर अमल करना तो असंभव है, ईश्वर कहते है मानव ने अपनी इच्छा अनुसार उनकी बातो एवं शिक्षाओ मे बदलाओ करके अपनी सुविधाओ के अनुसार नियम और परंपराए बनाई जिनमे फस कर खुद मानव मानव का शोषण कर रहा है, मानव समस्त प्रथवी एवम प्राणी जगत को नुकसान पहुचा रहा है, ईश्वर कहते है उनकी बाते कभी किसी को नुकसान पहुचने वाली नही हो सकती, उनकी दृष्टि मे सभी प्राणी एक समान है"
उनके लिए ये गीत लिखा है,
"उनके लिए ये गीत लिखा है,
लाखो हज़ारो में मुझे मेरा मीत मिला है,
था कभी अंजान जो मुझसे आज वो मेरे पास खड़ा है,
दुनिया की भीड़ में मेरा मनमीत मिला,
जिसके लिए मैने ये संगीत लिखा है,
लाखो हज़ारो में मुझे मेरा मेरा मीत मिला है,
उनके लिए ये गीत लिखा है,
उनके लिए ये गीत लिखा है,
उनके लिए ये गीत लिखा है"
Sunday, 18 May 2014
हास्य प्रस्तुति
1*उनके आने से ये रात नई कट ती, करते है परेशन पर उनकी ये आदत नई बदलती, दिन में तो रहते छिपे जाने किस दर से पर रात को सोने नई देते वो जब तक कमरे में गुड नाइट नई जलती(°§°)हाहाहा
2*वो कहते कहते थे तेरी ज़ुल्फो मे सोने का दिल करता है, हमने उन्हे सर से उतार ये विग ही दे दिया, तबसे जाने क्यू वो खफा-खफा रहते है, नई कहते अब की तेरी ज़ुल्फो मे सोने का दिल करता है.....
3*मखी चूस सुना था मैने पर वो मच्छरो को चूस लेते थे, एक कतरा भी अगर ले जाए वो तो उसकी सारी पुश्तों से जंग लड़ लेते थे
4*उनकी यादो में हम अश्क बहाते हैं, वो ज़ालिम इसे समंदर समझ कर इसमे नहा कर चले जाते हैं,
5*तुमसे बात करते करते ये रात गुज़ार दूँ, तुमसे मुलाकात के लिए इन दूरियो को मिटा दू, मर् भी रहे हो अगर तू जो पुकारे मुझे अपनी जगह तेरे बाप को कफ़न में सुला दू(°_°)हहेहहे मॉडर्न लवर
2*वो कहते कहते थे तेरी ज़ुल्फो मे सोने का दिल करता है, हमने उन्हे सर से उतार ये विग ही दे दिया, तबसे जाने क्यू वो खफा-खफा रहते है, नई कहते अब की तेरी ज़ुल्फो मे सोने का दिल करता है.....
3*मखी चूस सुना था मैने पर वो मच्छरो को चूस लेते थे, एक कतरा भी अगर ले जाए वो तो उसकी सारी पुश्तों से जंग लड़ लेते थे
4*उनकी यादो में हम अश्क बहाते हैं, वो ज़ालिम इसे समंदर समझ कर इसमे नहा कर चले जाते हैं,
5*तुमसे बात करते करते ये रात गुज़ार दूँ, तुमसे मुलाकात के लिए इन दूरियो को मिटा दू, मर् भी रहे हो अगर तू जो पुकारे मुझे अपनी जगह तेरे बाप को कफ़न में सुला दू(°_°)हहेहहे मॉडर्न लवर
मेरी कवितायें
1*"उनके लिए ये पेगाम भेजा है, कागज कलाम से नई अश्को की स्याही से दिल की दीवारो पे उनका नाम लिखा है"
2*"आए खुदा मुझे ज़्यादा कुछ तुम ना देना, है फरियाद बस इतनी सी, मेरे जाने के बाद ज़हां से मेरे मुल्क के किसी कोने में मेरी कबर के लिए बस दो गज़ ज़मीन दिला देना"
3*""ज़िंदगी गुज़ार दी हमने शोहरट बटोरते-बटोरते, ज़िंदगी गुज़र दी हमने दौलत के पिछे, ज़मीन से फलक तक चमता था बस एक सितारा जिस पर लिखा होता था सिर्फ़ नाम हमारा,
बड़ी बहराम ये दुनिया, कहते हैं जीते जी नही मिलता एक आशियाना इस जहाँ में पर इस जहाँ ने जीते जी तो मुझे पॅल्को पे बिताया मरने पर दो गज़ ज़मीन भी किसी ने ना हमे दी"
4*तू जो हाँ करे तो इंतेहा-ए-मोहब्बत कर दू, ये दिन और रात तेरे नाम कर दू, ज़मीन क्या चीज़ है ये फलक तेरे नाम कर दू, यकीन ना आए तुझे तो तेरी आँखो के काजल से ये ग़ज़ल लिख दू, तू जो हाँ करे तो इंतेहाँ-ए -मोहब्बत कर दू..
5*"मैं एक खुली किताब हूँ, मैं ही खुद में ही एक सवाल और जवाब हूँ, कोशिश करते है लोग पड़ने की मुझे हर दफ़ा, कोशिश करते है लोग मुझे समझने की हर दफ़ा, पर सबके लिए एक अनसुलझी पहेली हूँ, है मुझमे अनेको पन्ने पर कितनी खुदमे बहुत अकेली हूँ, अपने ही सवालो के साथ किसी और की नही अपनी ही सहेली हूँ, मैं एक खुली किताब हूँ"
एक बंद कली थी
"एक बंद कली थी वो पेरो तले कुचल गया कोई,
अभी-अभी दिखी थी किसी टहनी पर तोड़ कर कही फैंक गया कोई,
ज़िंदगी होती है क्या उसने जाना भी ना था,
जीना होता है क्या उसने पहचाना भी ना था,
देख उस डाली पे लगी नयी काली ज़िंदगी की आस दिल में आने पे पहले ही मौत की नींद सुला गया कोई,
ज़िंदगी मिलने से पहले ही मौत के साथ सुला गया कोई"
शब्दो से खेलना
शब्दो से खेलना तुम्हे खूब आता है,
ज़रा हमे भी बताओ आख़िर ये खिलोना तुम्हे कौन दे जाता है,
हम तो तक चुके हर दुकान पे जा कर पर नही मिला ऐसा खिलोना,
अब तुम्ही मिलवओ हमे उसी से जो ला कर ये खिलोना हर बार तुम्हे दे जाता है,
शब्दो से खेलना तुम्हे खूब आता है "
Thursday, 15 May 2014
my poetry collection- Hindi
1* "hon
mai ek kavita adhuri si, aa baith mere paas aur karde mujhe puri si,
kuch aise piro shabdo ke moti ki na toote dorr fir kabhi ummido ki, hon
tanha kitni iss zinadgi mein, aaja mere paas aur kar de aabad meri ye
zinadgi, aa lauta de mujhe ab meri ye MEETHI KHUSHI(HAPPY-SWEETY)"
1* "हूँ मई एक कविता अधूरी सी, आ बैठ मेरे पास और कर्दे मुझे पूरी सी, कुछ ऐसे पिरो शब्दो के मोती की ना टूटे डोर फिर कभी उम्मिदो की, हों तन्हा कितनी इस ज़िंदगी में, आजा मेरे पास और कर दे आबाद मेरी ये ज़िंदगी , आ लौटा दे मुझे अब मेरी ये मीठी खुशी(हॅपी-स्वीटी)"
1* "हूँ मई एक कविता अधूरी सी, आ बैठ मेरे पास और कर्दे मुझे पूरी सी, कुछ ऐसे पिरो शब्दो के मोती की ना टूटे डोर फिर कभी उम्मिदो की, हों तन्हा कितनी इस ज़िंदगी में, आजा मेरे पास और कर दे आबाद मेरी ये ज़िंदगी , आ लौटा दे मुझे अब मेरी ये मीठी खुशी(हॅपी-स्वीटी)"
2* "haathon
me jaam liye ye unka andaaz purana lagta hai, bina kahe iss mehfil se
wo chal diye kya yaha aana unhe bura lagta hai, hai saza ye mushayara
aaj shayaro se, hai haathon me jaam sabhi ne thaam liye, dekh iss mehfil
ki ronak aaj har shakhs unka diwana lagta hai, kaagaj aur kalam se nahi
apne khoon ki syaahi se iss dil pe likhte naam unka ye pura zamana
kahta hai"
2* "हाथों मे जाम लिए ये उनका अंदाज़ पुराना लगता है, बिना कहे इस महफ़िल से वो चल दिए क्या यहा आना उन्हे बुरा लगता है, है सज़ा ये मुशायरा आज शायरो से, है हाथों मे जाम सभी ने थाम लिए, देख इस महफ़िल की रोनक आज हर शख्स उनका दीवाना लगता है, कागज और कलाम से नही अपने खून की स्याही से इश्स दिल पे लिखते नाम उनका ये पूरा ज़माना कहता है"
3* "meri ye zindagi mere liye kuch b nai jo kaam na aaye kabhi agr kisi deen k liye,
ae khuda fariyad hai tujhse mujhe itna khudgarz mat banana jo main jiyu to sirf apne liye,
ae khuda nahi aane dena pashuta dil mein, insaan hon insaan bas mujhe rahne dena,
apne liye nahi bas duniya ke liye hi ab jiyu yahi bhawana is dil mei sadaa banaye rakhna "
ae khuda fariyad hai tujhse mujhe itna khudgarz mat banana jo main jiyu to sirf apne liye,
ae khuda nahi aane dena pashuta dil mein, insaan hon insaan bas mujhe rahne dena,
apne liye nahi bas duniya ke liye hi ab jiyu yahi bhawana is dil mei sadaa banaye rakhna "
3* "मेरी ये ज़िंदगी मेरे लिए कुछ भी नही जो काम ना आए कभी अगर किसी दीन के लिए,
ए खुदा फरियाद है तुझसे मुझे इतना ख़ुदग़र्ज़ मत बनाना जो मैं जियु तो सिर्फ़ अपने लिए,
ए खुदा नही आने देना पशूता दिल में, इंसान हों इंसान बस मुझे रहने देना,
अपने लिए नही बस दुनिया के लिए ही अब जियु यही भावना इस दिल मेी सदा बनाए रखना "
4* " aaj ishwar bhi apni manav rupi rachana ko dekh aansu bahata hoga, aakhir q usne insan bnaya ye sochta hoga"
आज ईश्वर भी अपनी मानव रूपी रचना को देख आँसू बहता होगा, आख़िर क्यू उसने इंसान बनाया ये सोचता होगा"
5* हर
घड़ी मुझे तेरा अहसास रहता है, रहता है दूर मुझसे कितना पर लगता है पल-पल
मेरे आस-पास तू रहता है, नज़रोँ से नही दिल की गहराई से चाहा है मेने तुझे,
दिल की धडकनो मेँ तेरा ही नाम हर पल सुनाई मुझे तो अब देता है, हर घड़ी
मुझे तेरा ही अहसास रहता है
6* meri
zindgi ki aas ho tum, dur ho kar bhi kitne khaas ho tum, mil paye
shayad na kabhi tumse iss zindagi me ab koi gam nahi, ho kar dur bhi itnaa meri jeene ki ek wazah ho
tum, meri zindagi ka ahsaas ho sirf tum
6* 6* मेरी ज़िंदगी की आस हो तुम, दूर हो कर भी कितने ख़ास हो तुम, मिल पाए शायद ना कभी तुमसे इस ज़िंदगी मे अब कोई गम नही, हो कर दूर भी इतना जीने की एक वज़ह हो तुम, मेरी ज़िंदगी का अहसास हो सिर्फ़ तुम
7* " ye zindagi pal-pal rang badalti hai, ek pal mein khushiya to duje me gam deti hai"
7* " ये ज़िंदगी पल-पल रंग बदलती है, एक पल में खुशिया तो दूजे मे गम देती है"
8* "kaise
sunaye iss mehfil mei apna koi nagma, kaise sunaye iss mehfill mein koi
nagma, dekh bade-bade shayaro ko sochte hai ham, aji dekh inn bade-bade
shayaro ko sochte hain ham ki sun kar mera nagma, ki sun kar mera nagma
na lag jaye unhe kahi koi sadma" hahahaha
8* "कैसे सुनाए इस महफ़िल मेी अपना कोई नगमा, कैसे सुनाए इस महफिल्ल में कोई नगमा, देख बड़े-बड़े शायरो को सोचते है हम, अजी देख इन बड़े-बड़े शायरो को सोचते हैं हम की सुन कर मेरा नगमा, की सुन कर मेरा नगमा ना लग जाए उन्हे कही कोई सदमा" हाहहाहा
9* "wo
peeche pade the, unki muskan dekhne k liye adey the, wo bar bar mana
karti thi, muskurane par huye nuksan se darti thi, par wo us maane nahi,
bole hame dekh tum muskurati q nai, wazah kya hai aaj hame batlao nahi
to janeman iss ghar se tum chali jao, sun kar unki baat wo boli, nahi
hai koi wazah khas, bas darti hu dekh meri muskan na ho jaye koi tumhe
nuksaan, par meri jaan ab gussa chhod aur dekh meri ye muskan,
haaye raam dekh unki muskaan tham gaya dil unka aur muh se
nikla haaye raam, muhh mein ek daant na tha, jaise muskurai aur unke
paas aayi nakli daanto ka jabda unke haath me tha jo gira, dekh haatho
me unka jabda jor ka jhatka dhire se nai laga bahut tagda" dekh is
khofnak manzar ko unka to khuda hi malik h
9* "वो पीछे पड़े थे, उनकी मुस्कान देखने के लिए अड़े थे, वो बार बार मना करती थी, मुस्कुराने पर हुए नुकसान से डरती थी, पर वो उस माने नही, बोले हमे देख तुम मुस्कुराती क्यू नई, वज़ह क्या है आज हमे बतलाओ नही तो जानेमन इस घर से तुम चली जाओ, सुन कर उनकी बात वो बोली, नही है कोई वज़ह खास, बस डरती हू देख मेरी मुस्कान ना हो जाए कोई तुम्हे नुकसान, पर मेरी जान अब गुस्सा छोड़ और देख मेरी ये मुस्कान, हाए राम देख उनकी मुस्कान थम गया दिल उनका और मूह से निकला हाए राम, मूह में एक दाँत ना था, जैसे मुस्कुरई और उनके पास आई नकली दांतो का जबड़ा उनके हाथ मे था जो गिरा, देख हाथो मे उनका जबड़ा ज़ोर का झटका धीरे से नही लगा बहुत तगड़ा" देख इस खोफ़नक मंज़र को उनका तो खुदा ही मलिक है
10* ye
ghatna kisi pe to ghati thi jo abhi maine yaha par likhi thi, jin par
ghati unke liye ek saza thi par ham padne walo k liye ek romanchak katha
thi
10* ये घटना किसी पे तो घटी थी जो अभी मैने यहा पर लिखी थी, जिन पर घटी उनके लिए एक सज़ा थी पर हम पड़ने वालो क लिए एक रोमांचक कथा थी
11* resham
ke dhaage se bhi naazuk hai dosti ka ye rishta, khile huye pushp ki
tarah nahi band kali ki tarah hai dil se dil ka ye rishta, aa jaye agr
duriya inme fir ashk aur tanhai ke siwa kabhi kuch nahi fir isme
bachta.....
11* रेशम के धागे से भी नाज़ुक है दोस्ती का ये रिश्ता, खिले हुए पुष्प की तरह नही बंद कली की तरह है दिल से दिल का ये रिश्ता, आ जाए अगर दूरिया इनमे फिर अश्क और तन्हाई के सिवा कभी कुछ नही फिर इसमे बचता.....
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