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Friday, 13 November 2020
Monday, 9 November 2020
सम्भलना भूल गए-शायरी
"सबको हँसाते-हँसाते हँसना हम भूल गए
ग़मो में ऐसे डूबे की अब रोना हम भूल गए
खुद ही गिरते फ़िर खुद ही उठ खड़े हो जाते
संभालते-संभालते सम्भलना ही हम भूल गए"
Saturday, 7 November 2020
सैड शायरी
1-ए ज़िंदगी तू मुझे सता बहुत रही है
पल पल तू मुझे क्यों यु रुला रही है
अब नही रही मोहब्बत तुझे शायद
ज़ख्म दे तू खड़ी बहुत मुस्कुरा रही है
2-"लोग कहते ए ज़िंदगी तुझमे अब वो बात नही है
शायद अब मुझे तुझसे मोहब्बत नही है"
3-"कहने को ज़माने से, अब सिर्फ अपनी कहानी है
टूटा है दिल ये मेरा, और आँखों सिर्फ पानी है
रोती अश्क बहाती 'मीठी-खुशी' के लिए क्यों
दर्द छिपा मुस्कुरा, क्योंकि यही तेरी ज़िंदगानी है
न दिखा ज़ख्म को अपने, तू तो दर्द की रानी है
न कर उम्मीद किसीसे, आखिर इश्क की तू दानी है
उठ खड़ी हो 'मीठी-खुशी' के साथ और करके दिखा
है तेरी ही ये जिंदगी, जिसकी सिर्फ तू महारानी है
बढ़ आगे भुला सब, ज़िन्दगी है तेरी न कि ये बेगानी है
आखिर अश्क बहाती तू क्यों, करती फिर ये नादानी है
ये तो ज़माने की रीत है पगली 'मीठी' इश्क में अब
'खुशी' के बदले ,अश्को की लड़ी ही यहाँ सबको बहानी है"
Thursday, 5 November 2020
Romantic shayri
दूर तुम से हम जाये कैसे
तुम को हम भुलाये कैसे
रूह में बस गए हो तुम हमारी
हाल-ए-दिल ये बताये कैसे
Wednesday, 4 November 2020
सैड शायरी-खुदसे हार गई मीठी
आँखों मे नमी और दिलमें दर्द है
ये ज़माना देखो कितना हुआ बेदर्द है
सबसे जीती खुदसे हार गई 'मीठी'
'खुशी' की बात कह झूठे मिले हमदर्द है
सैड शायरों-कब कौन सी बात
न जाने कब कौन सी बात अधूरी रह जाये
न जाने किस रात की सुबह न आये
जी लूँ तुझे जी भर कर ए मेरी ज़िंदगी
शायद फ़िर तू मुझे कभी मिल न पाए
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