Saturday 28 September 2013

लोग हैं आते लोग जाते है,

" लोग हैं  आते लोग  जाते है, लोग जीते हैं लोग  मरते है, एक हम ही है ऐसे जो थे जैसे पहले आज भी वैसे है, जीती मारती इस दुनिया में केवल अश्क बहाने क लिए हम अभी तक जीवित है, मौत भी अपना आलीगन नही करने देती और ज़िंदगी भी है पल पल मुझे आँसू देती, डूबती इस दुनिया में सब डूबते है एक हम ही वही है जहाँ पहले खड़े थे आज वैसे ही खड़े हैं तन्हा और अकेले"

hu kitni akeli tere jane ke baad-हू कितनी अकेली तेरे जाने के बाद

"hu kitni akeli tere jane ke baad, hu kitni tanha tere jane ke baad, roti hu har wakt main, bahati hu ashk main itne tere jane ke baad, dhadkata to hai ye dil mera par dhadkan nhi hai isme tere jane ke baad, saanse to hain zism mei meri par tere jane ke baad zindagi nahi, sab kuch hai mere paas par ab aage bad kar fir se jine ki ummid nhi,
aaj mujhme main nahi sirf ek zinda laash hu main tere jane ke baad, dur tujhse jane ke baad bhi tere pas hi hu main, bhale jine ki koi chahat nahi mujhe ab par maut pal pal intezar mein hi aaj yu baithi hu main tere jane ke baad"



"हू कितनी अकेली तेरे जाने के बाद, हू कितनी तन्हा तेरे जाने के बाद, रोती हू हर वक्त मैं, बहती हू अश्क मैं इतने तेरे जाने के बाद, धड़कता तो है ये दिल मेरा पर धड़कन नही है इसमे तेरे जाने के बाद, साँसे तो हैं ज़िस्म मेी मेरी पर तेरे जाने के बाद ज़िंदगी नही, सब कुछ है मेरे पास पर अब आगे बॅड कर फिर से जीने की उम्मीद नही,

आज मुझमे मैं नही सिर्फ़ एक ज़िंदा लाश हू मैं तेरे जाने के बाद, दूर तुझसे जाने के बाद भी तेरे पास ही हू मैं, भले जीने की कोई चाहत नही मुझे अब पर मौतके  पल पल इंतेज़ार में ही आज यू बैठी हू मैं तेरे जाने के बाद"

एक आम लडकी की तरह ही जीने की हसरत थी

एक आम लडकी की तरह ही जीने की हसरत थी मेरी, एक आम लडकी तरह ही छोटी छोटी ख्वाइशेँ थी मेरी, छोटे छोटे सपने थे मेरे और लडकियोँ की तरह,


हसरत थी एक प्यार भरे जहाँ को पाने की, चाहत थी इतनी सी उस इन्साँ को पाने की,
Archana

पर मुझे नहीँ पता था किस्मत मेँ मेरी ही यु अकेले रहना लिखा था,
Archana

प्यार जिससे किया मेँने उस रब ने हर उस को मुझसे छीना, पल दो पल की मुस्कान दे कर मुझे मेरी हर खुशी को मुझसे छीना, खता बस इतनी सी की मैँने जो हसरत करी थी आम लडकियोँ की तरह जीने की, ख्वाब देखे उनकी तरह जीने के, भूल गये अपनी सरहदेँ शायद तभी तो अपनी चाहत के बदले मुझे किस्मत से धोखे मिले,

Thursday 26 September 2013

लोग कहने लगे है हमसे

"लोग कहने लगे है हमसे  की हमने  उनसे बात करना छोड़  दिया है, ज़रा वो झाँक के  तो देखे मेरे दिल में जिसमे धड़कन तो है पर इसने भी तो  धड़कना छोड़  दिया है "

लोग पूछते हैँ मुझसे

"लोग पूछते हैँ मुझसे कि आखिर क्येँ गुमसुम हूँ मैँ, कैसे समझाऊ उन्हेँ खुद को सम्भालने की कोशिश मेँ ही चुपचुप बैठी हूँ मेँ"

काली छाया

"जब जब मेँने उस काली छाया को देखा है तब-तब उसने मेरे बच्चैँ को मुझसे छीना है, सुना है मेने सती सावित्री के बारे मेँ जो यमराज से भी छीन लायी अपने पति के प्राण, हम नही थे इतने महान जो बचा सकते उनकी जान, वो काली छाया छीन ले गयी उन्हेँ हमसे बिलखता छोड़ कर हमे और बना गयी इतना बेबस इन्सान"

ए मौत तू खुद पे मत इतरा इतना

"ए मौत तू खुद पे मत इतरा इतना, नही  है कोई शक्ति तुझमे, मत कर तू खुद पे घमंड इतना, तेरी हर तरफ मुझे तो बस बेबसी ही देखती है,

तुझे तो बहानो का सहारा लेना पड़ता है किसी के  पास आने क लिए, तू तो कमजोर है इतनी की अकेले कही आ जा तक नई सकती, तुझसे बेहतर तो है ये ज़िंदगी जिसमे भले ना हो कोई वज़ह ज़ीने की फिर भी चलती जाती है,बस एक तू ही निरबल वास्तु है जो इतराती तो खुद पे खूब है पर कही जाने क लिए किसी बहाने को साथ लेने पर भी बड़ी मज़बूर है,

ए  मौत अब तो मान ले मेरी बात यू इठलाना छोड़  दे, जो पल मिले है साथ जीने के  इन्हे अपनो के   साथ बिताने दे, चलने को तैयार  हूँ संग तेरे बिना बहाने के  बस तू भी कर वादा  मुझसे यू सबको  अब तू डरना छोड़  दे  "