Sunday 21 January 2018

Basant panchmi pr meri kavita



बसंत पंचमी पर मेरी नई कविता

“में शीश नवायु प्रेम गीत गाउ
खुशी मनाऊ ये प्रीत निभाऊं
है आज त्योहार बसन्त पंचमी
माता तेरे चरणों मे गीत सुनाउ

बसन्ती रंग में ऐसे रंग रंग जाउ
रूप बसन्ती कुछ में ऐसे सजाऊं
माँ के चरणों मे करू फल पुष्प अर्पित
वीणा वाली के लिए ऐसे राग बजाऊं

आज दिन भर बस में यू नाचूं गाउ
भक्ति रस से कुछ यूं भर भर जाउ
माँ सरस्वती तुझे पुकारू ऐसे में कुछ
सम्मान में तेरे आज छप्पन भोग बनाउ

में शीश नवायु प्रेम गीत गाउ
खुशी मनाऊ ये प्रीत निभाऊं
है आज त्योहार बसन्त पंचमी
माता तेरे चरणों मे गीत सुनाउ-2”

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