Thursday 4 January 2018

ईश्वर वाणी-227, देश, काल, परिस्तिथि अनुरूप ईश्वर का जन्म




  





ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों तुम मुझे निम्न नामो से जानते हो उन्ही से
मुझे पुकारते हो, किन्तु तुम ये नही जानते की मैं केवल देश, काल,
परिस्तिथि के अनुरूप भौतिक देह नयी धारण करता हूँ की इस भौतिक देह में
विराजित आत्मा एक ही है, जो आत्माओ में परम, जो परमात्मा है।

हे मनुष्यो समस्त जीव आत्माओ का श्रोत में ही हूँ, मैं ही आत्माओ में
परम् होने के कारण, समस्त आत्माओ स्वामी, जगत का स्वामी, भूतकाल,
भविष्यकाल, वरत्मानकाल का स्वामी परमेश्वर हूँ।

मैं ही जगत में जीव आत्माओ को निम्न कार्यो हेतु भेजता हूँ और कार्य
पूर्ण होने पर अपने में ही समा लेता हूँ, साथ ही देश, काल, परिस्तिथि के
अनुरूप में भी जन्म लेता हूँ और निम्न कार्यो को पूर्ण करता हूँ।

कल्याण हो

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Thanks and Regards
   *****Archu*****

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