Wednesday 30 November 2016

कविता-खुशी का वादा करके गम मुछे दे गया

खुशी का वादा करके गम मुछे दे गया,-!
तोड़ कर दिल ये मेरा जख्म मुछे दे गया-!!

मॉगी तो खुशी भी ना थी मैने उससे,-!
शायद तभी अॉसू ही वो मुझे दे गया,-!!

वफा के सिवा ना कोई चाहत की थी,-!
बन बेवफा तन्हाई मुझे वो दे गया,!!

दिल मैं बसाया था जिसे मैने कभी-!
उमर भर का दर्द आज मुझे वो दे गया,!!

जिसने कहा था साथ ना छोडुंगा कभी,-!
आज अकेलापन यहॉ मुझे वो दे गया,-!!

हर रिस्ते तोड़े जिसके लिये मैने कभी,-!
मोड़ मुह मुझसे दगा मुझे वो दे गया,-!!


खुशी का वादा करके गम मुछे दे गया,-!
तोड़ कर दिल ये मेरा जख्म मुछे दे गया,-!!

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