Tuesday 18 April 2017

कविता

"ए दिल बता मुझे तू कहाँ है
महफ़िल में बता मुझे तू वहां है
ढूंडा तुझे बहुत इन नजारो में
आवाज़ दे बता मुझे तू यहाँ है

ऐ दिल न सता मुझे तू जहां है
न मोड़ मुँह बता मुझे तू कहाँ है
न और रुला मुझे न तड़पा ऐसे
दे तू अपना पता मुझे तू कहाँ है"

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