Saturday 8 April 2017

चंद अलफाज

"ये चेहरे पे तेरे जो इतना नूर है
शायद तभी तू इतना मशहूर है
है मासूम सी अदा कितनी प्यारी
मोहब्बत का ही ये असर हुज़ूर है"
ये लाइन्स Bossy Boss Mishra के लिये





"खून हिन्दू का बहे या मुस्लमान का
जो बेगुनाह पड़ा है ज़मी पर आज ऐसे
ये शख्स तो है बस मेरे हिंदुस्तान का"

No comments:

Post a Comment