"तेरी यादो में फिर बहकनेका दिल करता है
तुझे याद कर फिर कुछ लिखने का दिल करता है
तू होती यहाँ तो ज़िन्दगी ही कुछ और होती 'मीठी'
'ख़ुशी' का वो लम्हा फिर बुलाने का दिल करता है
कम ही सही पर तेरा साथ था कितना हसीं 'मीठी'
'ख़ुशी' का वो अहसास बताने का दिल करता है
वक्त ने किया सितम जो और न साथ जिये हम
सूनी ये ज़िन्दगी तुझे दिखाने का दिल करता है
है मोहब्बत आज भी उतनी ही तुमसे मुझे 'मीठी'
'ख़ुशी' से अपनी आशिकी जताने का दिल करता है
तुझे याद कर फिर कुछ लिखने का दिल करता है
तू होती यहाँ तो ज़िन्दगी ही कुछ और होती 'मीठी'
'ख़ुशी' का वो लम्हा फिर बुलाने का दिल करता है
कम ही सही पर तेरा साथ था कितना हसीं 'मीठी'
'ख़ुशी' का वो अहसास बताने का दिल करता है
वक्त ने किया सितम जो और न साथ जिये हम
सूनी ये ज़िन्दगी तुझे दिखाने का दिल करता है
है मोहब्बत आज भी उतनी ही तुमसे मुझे 'मीठी'
'ख़ुशी' से अपनी आशिकी जताने का दिल करता है
तेरी यादो में फिर बहकनेका दिल करता है
तुझे याद कर फिर कुछ लिखने का दिल करता है-२"
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