Friday 29 September 2017

हैप्पी स्वीट दशहरा

"देखो आज फिर रावण दहन का दिन हैआया
हर जगह खुशियो का खुमार है  कैसे ये झाया
लगने लगे हर ओर 'जय श्री राम' के जयकारे
हर किसी ने फिल उल्लास से ये पर्व है मनाया

सुना है हमने रावण तो था प्रतीक एक बुराई का
महाज्ञानी बलशाली बन गया पात्र जगहंसाई का
कर अपहरण माता का उसने अपना काल बुलाया
गवाई सत्ता सारी फिर पूरा परिवार भी मरवाया

पूछे 'मीठी' 'ख़ुशी' से आज ये सवाल हर बार
आज रावण दहन के दिन कितनो ने रावण जलाया
क्या मिटाई बुराई दिलसे अपनी किसी ने यहाँ
कितनी सीताओं की आबरू को तुमने बचाया"




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