Thursday 19 April 2018

ईश्वर वाणी-246, संसार की डोर

ईश्वर कहते है, "हे मनुष्यों यद्धपि तुममे से कितने ही लोग पुनर्जन्म में विश्वास नही रखते हो, किसी की वजह धार्मिक मान्यता के आधार पर होती है कि उसकी धार्मिक पुस्तक ये नही कहती कि पुनर्जन्म होता है तो अर्थ इसका नही होता किंतु आज तुम्हे बताता व उनसे पूछता हूँ जो धार्मिक पुस्तक के आधार पर ये कहते हैं कि पुनर्जन्म नही होता, क्योंकि यदि इन्होंने वो पुस्तकें ठीक से पड़ी है तो उनमें मेरे ही अंश के पुनः जन्म लेने की बात कहि गयी है और यदि पुनर्जन्म नही होता तो क्या मेरा ही अंश क्या पुनः फिर जन्म ले सकता था।
साथ ही जो व्यक्ति वैज्ञानिक आधार पर या नास्तिक बन कर ये कहते हैं पुनर्जन्म नही होता तो उन्हें में अज्ञान ही  कहूँगा क्योंकि यदि वो ज्ञानवान होते तो सर्वप्रथम 'वायु' का रंग क्या है संसार के समक्ष ला चुके होते अर्थात जिन्हें वायु का रंग, ब्राह्मण का आकार, ब्रह्मांड में निरन्तर विचरण कर रहे पत्थर, ग्रहों के आकार आदि के विषय मे सही जानकारी होती तब ये कहते पुर्नजन्म नही होता तो सोचनीय होता।

मनुष्य खुद को बहुत ज्ञानी समझता है किंतु मेरी  बनाई सृष्टि को सुई कि नोक जितना भी नही जान सका है और न सकेगा।

संसार मे मनुष्य केवल भौतिक देह, क्षेत्र, भाषा, सभ्यता, संस्कृति, रंग, रूप, लिंग, अमीर गरीब, जाती, सम्प्रदाय आदि  के आधार पर किसी के व्यक्तित्व का मूल्यांकन कर अपने बराबर व ऊँचा व नीचा ठेराता है, वैसे ही मेरे अंशों द्वारा दिये गए मानव जाति को एक ही भ्रातत्व भाव के सूत्र में बांधने व मानव व जीव कल्याण हेतु दिए वचनों को केवल विशेष धर्म से जोड़ कर देखना मानव जाति की बड़ी भूल है क्योंकि यदि इंसान ऐसा करता है तो वो जताता है कि वो केवल भौतिक देह को ही सच मानता है इसलिए उसने केवल भौतिक देह और उससे मिलने वाले वचनों पर यकीन किया किंतु यदि वो आत्मा को सत्य मानता तो मेरे अंशो द्वारा देश काल परिस्थिति के अनुसार दिए वचनों कोही सही मानता व प्राणी जाती कल्याण हेतु कार्य करता।

हे मनुष्यों संसार की समस्त वस्तुये एक दूसरे से जुड़ी है जैसे शरीर से आत्मा, जल से जीवन, प्रेम से मित्रता इत्यादि वैसे ही ब्रह्मांड में हर ग्रह एक दूसरे से जुड़े है व समस्त ग्रह आकाशगंगा से व आकाशगंगा समस्त ब्रमांड से जुडी है और ब्रमांड हमसे जुड़ा है अर्थात तुम सब मुझसे जुड़े हो,में एक मदारी हूँ जिसकी डोर सदा मेरे हाथ में है सदियों से और सदा रहोगे मुझसे जुड़ कर क्योंकि मैं ईश्वर हूँ ।

कल्याण हो



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