Wednesday 25 April 2018

ईश्वर वाणी-249, शैतान का जन्म

ईश्वर कहते है, "हे मनुष्यो यद्धपि तुमने शैतान का नाम बहुत बार सुना होगा, शैतान अर्थात बुराई अर्थात गंदगी। तुम्हारे अंदर की बुराई ही शैतान है न कि निम्न धार्मिक मान्यता के अनुसार मुझे मानना या न मानना या निम्न धार्मिकता को मानने वाले।
हे मनुष्यों यद्धपि ये बुराई तुम्हारे कर्मो से उतपन्न होती है किँतु आज तुम्हें एक गूढ़ रहश्य की बात बताता हूँ, जैसे जीव का जन्म गंदगी में होता है, अर्थात चाहे कोई मनुष्य हो अथवा कोई पक्षी अथवा भूमि पर रेंगने या चलने वाले प्राणी जिनका भी जन्म होता है वो स्थान दूसित व गन्दा हो ही जाता है, वैसे ही जब समस्त ब्रह्मांड का जन्म हुआ उसी गन्दगी से शैतान अर्थात बुराई अर्थात अच्छाई की उलट बुराई का जन्म हुआ।

हे मनुष्यों मैं पहले ही बता चुका हूँ समस्त पृथ्वी समस्त ब्रमांड का प्रतीक है व जीव जंतु समस्त ग्रह नक्षत्रों का स्वरूप समान है, इस प्रकार तुम खुद ही समझ सकते हो जब तुम सब का जन्म गन्दी फैलाते हुए हुआ तो समस्त ब्रमांड का जन्म होते समय कितनी गन्दी हुई होगी, और ये ही गंदगी शैतान है।

हे मनुष्यों इसी प्रकार तुम्हारी आत्मा के जन्म के साथ ही तुम्हारी देह के कर्म रूपी अवगुण है जो शैतान का प्रतीक है।

हे मनुष्यों इस प्रकार संसार मे शैतान अर्थात बुराई अर्थात गन्दगी का जन्म हुआ किंतु साथ में अच्छाई का भी उदय हुआ, इसलिए अपने मन से समस्त बुराई को त्याग भलाई और नेक कर्मो के मार्ग पे चल मेरे प्रिये बनो में तुम्हें शांति व अनन्त जीवन दूँगा।"

कल्याण हो

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