Tuesday 10 January 2017

ईश्वर वाणी-१८२, सच्ची पूँजी

ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों युँ तो तुम अपने इस वर्तमान भौतिक देह को तमाम सुख सुविधा देने के अनन्य प्रयास करते हो, धन कमाते हो ताकी अधिक से अधिक सुख सुविधा पा कर आत्मसंतुष्टी प्राप्त कर सको,
किंतु क्या तुमने वास्तविक वो धन कमाया है जो इससे भी अधिक कीमती है!!

हे मनुष्यों तुम्हारे कर्म ही जीवन की सबसे कीमती पूँजी है, अच्छाई व सच्चाई के मार्ग पर यदि तुम चलते रहे बिनी डगमगाये तब तुम्हें वो सुख मिलेगा जो अनंनत है साथ ही अगला जन्म भी वही होगा जहॉ किसी भी वस्तु का अभाव नही होगा,

किंतु यदि तुमने बुराई का मार्ग अपनाया तो निसंदेह तुम अपने कर्मों से उस पूँजी का नाश कर रहे हो जो तुम्हे अनंनत सुख देकर एक सुखी व सम्रध्ध परिवार देती, तुम्हारे कर्मो व लालसाओं ने वह सब नष्ट कर दिया जो तुम्हे मिलने वाला था, मानव जन्म ही तुम्हे इसलिये मिला था ताकी इस जन्म मैं नेक कर्म कर अगला जन्म सुद्रण बना सको ऐसी पूँजी अर्जित कर सको!!

हे मनुष्यों ये भी सत्य है तुम्हारे सच्चे और नेकी के रास्ते पर चलते हुये मैं ही अनेक व्यवधान तुम्हारी परीक्षा हेतु डालता हूँ, मैं देखता हूँ मुसीबत मैं कैसे खुद को सम्भालते हो, कैसे अपनी सबसे कीमती पूँजी की रक्षा कर पाते हो, यदि तुमने मुसीबतों का सामना करके भी इस कर्म रूपी धन की रक्षा की तो अनंनत सुख के पात्र बन सुख प्राप्त करोगे किंतु मेरी परीक्छा से घबरा कर बुराई का मार्ग अपना कर्म रूपी पूँजी में कटोती की तो अनेक जन्मों तक दुख प्राप्त करोगे!!

हे मनुष्यों इस लिये इस भौतिक पूँजी के पीछे मत भाग, भाग तो उस धन के लिये जो तुझे अननंत सुख देने वाला है, तेरे भौतिक देह को ही नही अपितु तेरी आत्मा को सम्पन्न करने वाला है, इसके लिये थोड़ा कष्ट तुझे सहना पड़े तो सह, जैसे- तू किसी अच्छी नौकरी के साक्षत्कार के लिये गया, तुझे ये नौकरी तभी मिल सकती है जब इसे उत्तीर्ण करेगा, नौकरी देने वाला तुम्हारी कीबिलियत देखने के बाद ही तुम्हें नौकरी देगा और अनेक तरह से तुम्हें परखेगा और जब संतुष्ट होगा तब ही नौकरी देगा,

हे मनुष्यों एसे ही मैं तुम्हें परख कर ही जन्म व किस्मत देता हूँ, तभी कुछ व्यक्ति बहुत शीघ्र सफलता प्राप्त कर लेते है तो कुछ उमर भर इसके इंतज़ार मैं रहते हैं, सब कुछ पिछले जन्म मैं अर्जित पूँजी के कारण है, 

हे मनुष्यों यदि तुम्हें अगला जन्म सुख सम्रध्धी से पूर्ण चाहिये तो इस जीवन के सुख के पीछे न भाग कर आत्मा की उन्नती के पीछे भाग, आत्मा की उन्नती तेरे कर्म सुधार अननंत सुख देगी साथ ही अगले जन्म को हर सुख सम्रध्धी से परिपूर्ण करेगी किंतु तुझे प्रयास आज़ से अभी से प्रारम्भ करना होगा!!

कल्याण हो



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