Sunday 4 February 2018

फिर एक प्रेम कहानी (स्टोरी)-पार्ट-१



रेहाना- “पापा मुझे रोमित से मोहब्बत है, में उसी से शादी करना चाहती हूँ, वो बिल्कुल मेरे जैसा है, हम पहली बार पेरिस में मिले थे और पहली ही नज़र में हमे प्यार हो गया।“

आसिफ अली- “रेहाना खबरदार जो उस काफ़िर से शादी की , मेरे रहते में तुम्हे उससे शादी की इजाज़त नही दे सकता, हिंदुस्तान में करोड़ो मुस्लिम है उनमें से किसी को क्यों नही चुन लेती”।

रेहाना- “पर पापा में उससे प्यार करती हूँ,  और वो भी तो एक हिंदुस्तानी है, बहुत बड़ा कारोबार है उसका भारत से ले कर यूरोप तक”।

आसिफ अली- “मैं कुछ नही सुनना चाहता, तुम उस हिन्दू से शादी नही कर सकती और अगर की तो मेरा तुम्हरा रिश्ता खत्म”।

रेहाना- “पापा आप ये कैसे कह सकते हैं, आपने भी तो मोहब्बत की थी मेरी माँ से, आपने भी तो एक हिंदू लड़की से शादी की थी जबकि करोड़ो मुस्लिम लडकिया यहाँ भारत में थी और कितनी ही आप पर मिटती थी लेकिन आपने अपना दिल मेरी माँ को दिया उनसे शादी की आखिर क्यों पापा”।

आसिफ अली- “हाँ मैने तुम्हारी माँ से शादी की पर जब वो मुसलमान बन गयी तब”।

रेहाना- “अगर वो मुसलमान नही बनती तो आप उनसे शादी नही करते?? अफसोस पापा पर मैं रोमित के अलावा किसी से शादी नही कर सकती, मुझे फर्क नही पड़ता कि उसका मज़हब क्या है”। ये कह कर रेहाना वहाँ से चली जाती है, आसिफ अली अकेले अपने कमरे में रह जाता है और अतीत के पलों में खो जाता है

No comments:

Post a Comment