Monday 30 December 2019

मेरे चंद अल्फाज

1-"बहुत  रह चुकी यहाँ  यु ऐसे ए ज़िन्दगी, अब  खोना  चाहती हूं
बहुत रह चुकी जहाँ में ए मौत, अब तेरी होना चाहती हूँ
सदियों से प्यासी है ये ' मीठी' जिसके लिए अब तलक यहाँ
गंगा मैया 'खुशी' के साथ अब तेरे आँचल में सोना चाहती हूं"


😡🙏🏻😡
2-"कितना अजीब है न 'गंगा का जल'
मरने के बाद ये हमारी अस्थियों को गला देता है
और जीते जी पियो तो औषधिये काम देता है
हाँ माना अब ये अब प्रदूषित बहुत हो चुका है
लेकिन आज भी इसका महत्व कम कहाँ हुआ है"

😡राधे राधे😡


3-"कहते हैं लोग प्यार उससे करो जो तुम्हारे ज़ज़्बात की कद्र करे
पर कमबख्त नसीब ऐसा निकला कि उसने ऐसे से मिलवाया ही नही"


4-"झूठ की इस दुनिया मे बस ये ख़ता कर बैठे
एक फरेबी से हम सच्ची मोहब्बत कर बैठे"


5-"सुबह शाम हर दिन यहाँ हसीं ये रागिनियाँ देखते हैं हम
फिर अगले पल टूटे हुए दिल और हाथो में जाम देखते हैं हम
कसूर किसी का नही होता ए मेरे दोस्तों क्योंकि दस्तूर है ये
बच्चे खिलोने से और बड़े दिलो से खेलते रोज देखते है हम"

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