Monday 23 December 2019

मेरा लेख-मुझे लिखना पसंद है

हमे लिखने का शौक है इसलिए हम लिखते हैं ऐसा नही है, बल्कि लेखन से हमने मित्रता करने की सोची है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसके पास हमारे लिए हमेशा वक़्त होता है, जो दिलमे आये बस लिख डालो, ये न तो कभी ख़फ़ा होता न होने देता और जब मन बहुत दुखी हो इससे अपना हाल ऐ दिल जब चाहे कह दो ये सुनता है, कभी न रूठता है और न पलट कर जवाब देता है, मेरी ज़िंदगी के हर राज़ इसको पता है वो भी राज़ पता है जो मैंने भुला दिए हैं पर कभी मुझे ब्लैकमेल नही करता न दिल तोड़ता।

बचपन से ही मैंने सिर्फ और सिर्फ अकेलापन ही पाया है, हमेशा भीड़ ने मुझे खुद से जुदा रखा, और इसकी वजह से मैंने खुदमे आत्मविश्वास को बहुत ही कम पाया अथवा वो जाता रहा।

 वक्त के साथ सब कुछ बदल तो गया पर ये समाज और लोग मुझे एहसास करा ही जाते हैं कि जैसे बचपन मे मुझे सबने अकेला छोड़ रखा था वैसे ही आज भी है।

 शायद यही वजह है की मैंने खुद अपने लेखिन और रचनाओं से दोस्ती कर ली है और यही मेरे साथी है, तभी अकेला रहना ही मुझे पसंद है, आखिर इस दोमुंही दुनिया मे जहाँलोंगो ने लाखों नकाब के पीछे अपने असली चेहरे को छुपा रखा है और पल पल नया नक़ाब जो पहनते हैं उनसे रिश्ता रखने से बेहतर है खुद के लेखन से प्यार करे और दोस्ती करे ताकि गलत लोग और रास्ते पर जाने की जगह और दुःख की वजह से बहतर है कि बस लिखने से प्यार हो, इसलिए मुझे लिखना पसंद है ।

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