Monday 23 December 2019

मेरे अल्फ़ाज़

1-"कहि इस मासूम से हम मोहब्बत न कर बैठे
दर्द जिगर का कही हम इसे न दे बैठे"

2-"हम तो खुद से ही बगावत कर बैठे
ए ज़िंदगी फिर से मोहब्बत कर बैठे"

3-"आज मोहब्बत नाम नही किसी के होने का
आज मोहब्ब्त नाम नही किसी पर मर मिटने का
अब तो बस फायदे और नुकसान का नाम है ये
क्योंकि आज मोहब्बत नाम नही दिल लगाने का"
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

4- "आज फिर तुम मुझे गले लगा लो
आज फिर तुम मुझे दिलमे बसा लो
आ जाओ बाहों में मेरी ए मेरे हमदम
आज फिर तुम मुझे अपना बना लो"
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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